Saturday, September 8, 2007

अधूरा में आप सबका स्वागत है!

ब्लॉग की दुनिया में एक अधूरा सा कदम रख रहा हूँ! पत्रकारिता की दुनिया से हूँ इसलिये उसी ओर की बातें हो सकता है कुछ ज्यादा हों! लेकिन ये मंच महज़ पत्रकारिता से जुड़ा हो ऐसा नहीं है जिसे भी विचारों की खुजली हो यहाँ आकर अपनी खुजली मिटा सकता है! बाकी रही पत्रकारिता की बात तो ख़बरिया चैनलों में कहां अब पत्रकारिता बची है बस एक अधूरा सा ख़्वाब है जो हम जैसे लोग अपनी आंखों में लिए टेलिविज़न के इस भूलभुलैया में चले आये हैं ये सोच कर कि हम इस अंधेरगर्दी को ख़त्म करेंगे, पर सच कहूं तो चंद महीनों के थोड़े से वक़्त में ही ये एहसास हो गया है कि काम इतना आसान भी नही है जितना हम सोच बैठे थे! ना चाहते हुए भी इस थोड़े से वक़्त में इस कीचड का हिस्सा बने रहने के लिए वो सब कुछ किया है जिससे कभी नफरत किया करते थे! और कुछ महीने पहले तक ये कहने वाला इन्सान कि ऐसे कैसे चलता है अब कभी कभार ये कहने लगा है कि सब चलता है यार !

3 comments:

Manu Dhanda said...

एक अच्छी शुरुआत है | पढ़ कर अच्छा लगा | कभी -२ ऐसा ही कुछ अधूरा सा लिखने को हमारा भी मन करता है परन्तु फ़िर डर लगा रहता है की अगर इसको पूरा न किया तो कुछ अजीब सा लगेगा| परन्तु अब अधूरा पर कुछ भी अधूरा नही, इसलिये यहाँ बेझिझक लिखने को मिलेगा|

Prabuddha said...

टिप्पणी अधूरी
कह बहु कु चाह थ लेकि अधू छो रहा हूं शायद फिर भी सम आ जाए!!!

ADESH SINGH RATHOUR said...

hi,,,,,,,,anurag sir maine aap k artical padhe really mujhe bahut acche lage,such me mai bhi aap jaisa articale likhna chahta hu,mai bhi tvtmi me admission karvana chahta hu.mai aap se baat karna chahta hu.plz aap mujhe mere no. pe sms kar dijiyega mai aap ko phone kar lunga,mera no h 09993212143.